जो जीता, वो ‘बाजीराव’..आज है महान योद्धा पेशवा बाजीराव की जयंती, मुग़लों को चटाई धूल, जीवन में एक भी युद्ध नहीं हारे, भिलाई में बड़ा आयोजन 

 

 

उर्वशी मिश्रा, रायपुर

 

आपने ‘सिकंदर’ का नाम अनेकों बार सुना होगा, जो जीता वो सिकंदर, वाला अमिताभ बच्चन का डायलॉग आपको याद भी होगा, पर आपको ये भी समझना होगा कि युद्ध हारने वाले ‘सिकंदर’ का शब्द आपके दिमाग़ में योजना के तहत फिट कराया गया है, जबकि आप और हम उस महान योद्धा के वंशज हैं, जिन्होंने मुगलों को उनकी औक़ात दिखाई, और अपने जीवनकाल में उन्होंने एक भी युद्ध नहीं हारा। ‘जो जीता, वो बाजीराव’ कहना क्यों आवश्यक है? इसे समझने आज छत्तीसगढ़ के भिलाई में बड़ा आयोजन भी होगा

 

मराठा साम्राज्य के महान योद्धा और अद्वितीय रणनीतिकार श्रीमंत पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट की आज जयंती है। उनके जन्म जयंती के अवसर पर आज छत्तीसगढ़ की स्टील नगरी भिलाई में समारोह का आयोजन होगा। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में आनंद मठ, दिल्ली से सतीश अन्ना, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अतुल नागले और सोशल मीडिया में महान योद्धा बाजीराव बल्लाल की जानकारी साझा करके राष्ट्र को जागरूक करने वाले संतोष तिवारी वक्ता के रूप में सम्मिलित होंगे।

ये भी पढ़ें :  गौरेला पेण्ड्रा मरवाही : निशुल्क कोचिंग क्लासेस में प्रवेश के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों से आवेदन 21 जुलाई तक आमंत्रित

 

 

कौन हैं बाजीराव बल्लाल, जिन्हें हमने भूला दिया है 

मराठा साम्राज्य के महान योद्धा पेशवा श्रीमंत बाजीराव बल्लाल भट्ट की जयंती पर उनके अप्रतिम शौर्य को जानना समझना बहुत आवश्यक है। दरअसल उनका जन्म 18 अगस्त 1700 को हुआ था। अल्पायु में ही बाजीराव प्रथम मराठा साम्राज्य के सातवें पेशवा बने और उन्होंने अपने साहस, नेतृत्व और युद्ध कौशल से भारतीय इतिहास में अमर पहचान बनाई।

ये भी पढ़ें :  Bemetara Violence : साहू समाज ने गृहमंत्री को ज्ञापन सौंपकर की दोषियों को फांसी देने की मांग, युवक की निर्मम हत्या के विरोध में किया सांकेतिक प्रदर्शन....

 

योद्धा बाजीराव ने अपने जीवनकाल में 41 युद्ध लड़े और एक भी नहीं हारे। वे मुग़ल साम्राज्य की शक्ति को चुनौती देने वाले पहले मराठा सेनापतियों में गिने जाते हैं। उनकी रणनीति और तेज़ रफ़्तार युद्धकला ने मराठा साम्राज्य को उत्तर भारत तक विस्तार दिया। हालांकि उनका जीवन बहुत लंबा नहीं रहा। मात्र 40 वर्ष की आयु में, 28 अप्रैल 1740 को उनका निधन हो गया। इसके बावजूद, उन्होंने जिस साहस और पराक्रम का परिचय दिया, उसने उन्हें भारतीय इतिहास के सबसे बड़े योद्धाओं की श्रेणी में स्थापित कर दिया।

ये भी पढ़ें :  छत्तीसगढ़-जशपुर में भालू के हमले में आंख गंवाने पर 32 साल बाद मिला मुआवजा, सीएम की पत्नी ने सौंपा चेक

 

 

भिलाई में होगा आयोजन 

आज छत्तीसगढ़ के भिलाई में हुड़को के गजानन मंदिर हॉल में शाम छ: बजे भव्य समारोह का आयोजन होना है। इस मौके पर वक्ता बाजीराव की वीरता, अद्वितीय रणनीति और राष्ट्रभक्ति को याद करते हुए बतायेंगे कि वे युवाओं के लिए सच्ची प्रेरणा हैं। आयोजन की ज़िम्मेदारी राष्ट्रीय ब्राह्मण युवा जनसभा भारत ने संभाली है। जिसके

प्रदेश अध्यक्ष सोमेश कुमार त्रिवेदी व प्रदेश संगठन मंत्री हेमंत नाईक हैं।

 

 

 

उनकी जयंती के अवसर पर देशभर में लोग उन्हें नमन कर रहे हैं और उनके बलिदान व वीरता को याद कर रहे हैं।

Share

क्लिक करके इन्हें भी पढ़ें

Leave a Comment